न्यायप्रिय सरकार हो गया
न्यायप्रिय सरकार हो गया
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नगरी स्वच्छ सुरम्य हुई,
अब पृष्ठभूमि तैयार हो गया।
दैवीय उदय हुआ उत्तर में,
भगवामय श्रृंगार हो गया।।
धर्म जाती का भेद नहीं,
हर तबके का विकाश हुआ हैं।
गांव शहर और गली गली में,
सड़कों का अब जाल बुना हैं।।
मायानगरी एयरपोर्ट अब,
खुशियों की अंबार हो गया।
रोजगार का सृजन हुआ और,
उन्नत पथ तैयार हो गया।।
शिक्षा और चिकित्सा उभरा,
प्रतिभा को सम्मान मिला हैं।
बच्चे-बच्चे के मन में अब,
राष्ट्रभक्ति का भाव जगा हैं।।
कौरव सेना सहम उठी हैं,
दंगों पर भी वार हो गया।
शोषित को अब न्याय दिलाता,
न्यायप्रिय सरकार हो गया।।
हुआ सुदृढ़ कानून ब्यवस्था,
चुस्त पुलिसिया तेवर से।
अपराधी अब थर-थर कांपे,
बाबा के बुलडोजर से।।
आतंकी भू-माफियों पर,
प्रखर प्रचंड प्रहार हो गया।
आदियोगी के शाषन में,
भ्रस्ट्रो का समूल संघार हो गया।।
सदियों लड़े युद्ध जैसे,
कइयों ने भरी जवानी दे दी।
राम लला की उम्मीदों पर,
भक्तों ने बलिदानी दे दी।।
ऋषियों के संधर्ष समर्पण,
तप सपना साकार हो गया।
भव्य अयोध्या चमक उठी हैं,
मथुरा भी तैयार हो गया।।
काशी में कैलाशपति का,
डमडम डमरू बोल रहा हैं।
गंगा के पावन तट पर,
भक्तों का टोला डोल रहा हैं।।
संस्कृतियां जो डूब रही थी,
उनका बेड़ा पार हो गया।
कर्मयोग के पथ पर भारत,
बैभव को तैयार हो गया।।
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स्वरचित मौलिक, सर्वाधिकार सुरक्षित
चंद्रगुप्त नाथ तिवारी
सुंदरपुर बरजा
आरा(भोजपुर) बिहार
Rakash
19-Jan-2022 05:00 PM
nice
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Punam verma
19-Jan-2022 04:21 PM
Nice
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चंद्रगुप्त नाथ तिवारी
19-Jan-2022 06:01 PM
धन्यवाद
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Swati chourasia
19-Jan-2022 03:11 PM
वाह बहुत ही खूबसूरत रचना 👌
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चंद्रगुप्त नाथ तिवारी
19-Jan-2022 06:01 PM
आभार
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